पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए Jiska Khet Uski Ret Scheme की शुरुआत की है। इस स्कीम के जरिए किसान बाढ़ के पानी में खेतों में जमा रेत को निकालकर उसे बेच सकेंगे। आज इस लेख के जरिए हम आपको जिसका खेत उसकी रेत योजना के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।
जिसका खेत उसकी रेत योजना
किसानों को मदद पहुंचाने के लिए पंजाब सरकार ने “जिसका खेत उसकी रेत योजना” को शुरू किया है। इस योजना के अंतर्गत किसान बाढ़ के पानी से प्रभावित खेतों से रेत और मिट्टी को हटाकर ज़मीन को साफ़ कर सकेंगे और इस रेत व मिट्टी को बेचकर वे पैसे कमा सकेंगे। इस तरह से उन्हें अपने खेतों में नुक़सान की भरपाई के लिए मदद मिल सकेगी। जिससे ज़मीन फिर से खेती करने योग्य तैयार हो जाएगी। इस योजना का लाभ वे किसान ही उठा सकेंगे जिनके खेतों में बाढ़ का पानी आ गया है और उन्हें खेती करने में परेशानी हो रही है।
Scheme Information
योजना के लिए जरूरी दिशा-निर्देश
- खेतों से रेत या मिट्टी हटाने या उसे अलग करने के लिए किसानों को किसी भी तरह के परमिट की ज़रूरत नहीं होगी।
- बाढ़ की रेत हटाने के लिए किसानों को किसी भी तरह की पर्यावरण मंज़ूरी लेने की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
- रेत बेचने के लिए किसानों से कोई रॉयल्टी भी नहीं ली जाएगी।
- यह योजना सिर्फ़ बाढ़ प्रभावित इलाकों में ही लागू की गई है।
- किसान 31 दिसंबर तक अपनी ज़मीन से रेत और मिट्टी हटा सकेंगे।
- ज़िले के डिप्टी कमिश्नर की अगुवाई में प्रभावित ज़मीनों की पहचान की जाएगी।
- रेत हटाने के अलावा खुदाई करके की जाने वाली खनन को अवैध माना जाएगा।
पात्रता-मानदंड (Eligibility)
- इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को पंजाब राज्य का निवासी होना चाहिए।
- लाभार्थी किसान होना चाहिए।
- ज़मीन पर खेती कर रहे किसान को ही मालिक माना गया है। इसलिए रेत बेचने का अधिकार उसी किसान को दिया जाएगा जो अपनी ज़मीन पर खेती कर रहे हैं।
- जिनकी फसलें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं वे किसान ही योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे।
जरूरी दस्तावेज (Required Documents)
- आधर कार्ड
- स्थायी पता
- जमीन से जुड़े दस्तावेज
- मोबाइल नंबर
फायदे (Benefits)
- आमदनी में बढ़ोतरी : बाढ़ के कारण खेतों में जमा हुई रेत को किसान बेचकर आर्थिक नुकसान की भरपाई कर सकेंगे। जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।
- खेत की सफाई: बाढ़ से खेतों में जमा रेत और मिट्टी को किसान अपने खेतों से निकाल सकेंगे। इससे खेतों की सफाई हो सकेगी। जिससे उन्हें फिर से खेती योग्य बनाया जा सकेगा।
- परमिट से छूट: किसानों को 31 दिसंबर 2025 तक बिना किसी परमिट या सरकारी अनुमति के अपने खेतों से रेत निकालने की छूट प्रदान की जाएगी।
- पुनर्वास के लिए सहायता: बाढ़ से प्रभावित हुए किसानों के पुनर्वास में ये एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें दोबारा अपनी आजीविका शुरू करने में सहायता प्रदान करेगा।
- किसानों को प्रोत्साहित करना: किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
उद्देश्य (Objective)
किसानों के खेतों में बाढ़ से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए उन्हें खेतों से रेत और मिट्टी हटाकर ज़मीन को साफ़ करना और बेचना होगा, ताकि जमीन को फिर से खेती करने योग्य बनाया जा सके।
ऐसे करें Jiska Khet Uski Ret Yojana के लिए रजिस्ट्रेशन
- सबसे पहले आप स्थानीय पटवारी या राजस्व अधिकारी के पास जाएं।
- वहाँ से आपको “Jiska Khet Uski Ret Yojana” का आवेदन फॉर्म प्राप्त करना है।
- अब आपको इस फॉर्म में सारी जानकारी ध्यान से दर्ज करनी है और मांगे जाने वाले दस्तावेज फॉर्म के साथ अटैच कर देने हैं।
- फिर आपको ये फॉर्म जमा करवा देना है।
- फॉर्म जमा करवाने के बाद आपकी जमीन का निरीक्षण किया जाएगा।
- उसके बाद ही आपको अपने खेत से रेत निकालने और उसे बेचने की अनुमति दी जाएगी।
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निष्कर्ष
पंजाब के किसानों के खेतों को मदद पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने जिसका खेत उसकी रेत योजना को लॉन्च किया है। इस योजना के जरिए बाढ़ के पानी में खेतों में जमा हुई रेत को निकालकर उसे बेचा जाएगा। जिससे किसानों के खेतों में हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी।”