आज हम आपके लिए एक ऐसा आर्टिकल लेकर आए हैं जो आपके के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है – जिसका नाम है पोस्टमार्टम कैसे किया जाता है? अगर आप Postmortem के विषय में सारी जानकारी विस्तार से लेना चाहते हैं तो आपको इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ना चाहिए।
क्या है Postmortem ?
पोस्टमार्टम दोनों शब्दों के मेल से बना है। जिसमें पोस्ट का अर्थ है “After” और Mortem का अर्थ है Death। यानी Postmortem व्यक्ति के मरने के बाद किया जाता है। पोस्टमार्टम जिसे शवपरीक्षा भी कहा जाता है। ये मृत्यु के बाद शरीर की जांच करने की एक चिकित्सा प्रक्रिया है। जिससे ये पता चलता है कि मृत्यु कैसे और किस वजह से हुई है। शवपरीक्षा को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किया जाता है, जिनका प्रमुख काम है मृत शरीर के कारणों का पता लगाना।
शवपरीक्षा या पोस्टमार्टम के कारण
पोस्टमार्टम कई कारणों से किया जा सकता है –
#1. मौत के कारण का पता लगाना
इस स्थिति में मृतक की मृत्यु के कारण की पहचान की जाती है। शव परीक्षण के जरिए चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा संभावित कारणों का मूल्यांकन किया जाता है।
#2. आपराधिक जांच के लिए
अगर मृतक की मौत संदिग्ध हुई है या मृत्यु किसी अपराध से संबंधित है, तो उस दौरान ये प्रक्रिया सबूत एकत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण हो जाती है।
#3. कानूनी आवश्यकताओं के लिए
न्यायालयिक मामलों में हत्या, आत्महत्या या आकस्मिक मृत्यु के लिए पोस्टमार्टम जरूरी होता है। इस दौरान ये पुष्टि की जाती है कि मृत्यु के पीछे के कारणों के बारे में सटीक जानकारी हासिल की जा सके।
#4. शिक्षण और अनुसंधान के लिए
शवपरीक्षा चिकित्सा शिक्षा के लिए भी उपयोगी है, इससे छात्रों को ये सिखाने में मदद प्रदान की जाती है कि पोस्टमार्टम कैसे किया जाता है।
#5. परिवार की सहमति पर
अगर परिवारवालों को लगता है कि मृतक की मृत्यु के कारण की वजह संदिग्ध है तो ऐसे में उनकी पोस्टमार्टम करवाई जा सकती है ताकि मृतक की मौत के कारण का सही पता चल सके।
#6. बीमारी की पहचान करने के लिए
अगर आवेदक की मौत किसी संक्रामक रोग से हुई है, तो इसकी पहचान करना भी आवश्यक हो जाता है, ताकि संक्रामक रोग से अन्य लोगों को खतरे से बचाने के लिए सही कदम उठाए जा सकें।
#7. बीमा संबंधी मामलों के लिए
बीमा दावों के लिए भी पोस्टमार्टम जरूरी है, ताकि मृत्यु के कारण का पता लगाया जा सके और बीमा राशि का लाभ आवेदक के परिवार को मिल सके।
#8. मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए
पोस्टमार्टम करने पर मिलने वाली प्राप्त जानकारी से डॉक्टर को मौत का सही कारण बताने में मदद मिलती है। उसके बाद आवेदक के परिवारवालों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है।
Kaise Kiya Jata Hai Postmortem – स्टेप वाई स्टेप गाइड
पोस्टमार्टम एक सर्जिकल प्रोसेस है। इसे डॉक्टर की टीम द्वारा किया जाता है। आइए जानते हैं कैसे होता है पोस्टमार्टम –
Step 1. शरीर के पार्ट की जाँच करना
सबसे पहले लाश को फ्रीजर से बाहर निकाल कर एक Separate Postmortem Room में लाया जाता है। शवपरीक्षा के लिए कुछ मेडिकल औजारों का इस्तेमाल किया जाता है। पोस्टमार्टम के 2 प्रमुख पार्ट होते हैं। पहले पार्ट में बाहरी शरीर की जाँच की जाती है। दसूरे पार्ट में शरीर के अंदर की जाँच की जाती है। इसके लिए शरीर को छाती से चिरा लगाकर पेट तक काटा जाता है और शरीर के अंदर के पार्ट निकाले जाते हैं।
Step 2. डॉक्टर की टीम द्वारा पोस्टमार्टम करना
इसके बाद डॉक्टरों द्वारा मशीनों के जरिए लाश की सही तरह से जाँच की जाती है। जिसे करने लगभग 3 से 4 घंटे का समय लगता है। पोस्टमार्टम करने के दौरान डॉक्टरों की टीम शरीर से दिल, किडनी, लीवर और अन्य बॉडी के पार्ट को निकालती है। उसके बाद इन पार्ट्स के सैंपल लिए जाते हैं। फिर डॉक्टर की टीम Details Investigation से मौत की वजह का पता लगाती है।
Step 3. अंगों को बापस बॉडी के स्थान पर रखना
जब पोस्टमार्टम की प्रोसेस कंप्लीट हो जाती है तो डॉक्टर सभी अंगों को वापस बॉडी के स्थान पर रख देते हैं और लाश को सिल देते हैं। इसके बाद लाश को फिर से फ्रीजर में डाल दिया जाता है। इस प्रोसेस के बाद मृतक के परिजन लाश को ले जा सकते हैं और उसका अंतिम संस्कार कर सकते हैं।
Step 4. क्यों जरूरी है पोस्टमार्टम करवाना ?
मौत के पीछे की वजह साफ करने के लिए शवपरीक्षा की जाती है। ऐसा तब किया जाता है, जब किसी की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हुई हो। क्रीमनल केस में पोस्टमार्टम का महत्व काफी बढ़ जाता है। क्योंकि पोस्टमार्टम होने पर ही पुलिस या मृतक के परिवारवालों को इस बात के बारे में पता चलता है कि आखिरकार उस व्यकित की मौत कैसे हुई थी। या उसे जहर दिया गया था या उसके साथ मारपीट हुई थी।
Step 5. कितने दिन के अंदर पोस्टमार्टम किया जाता है?
पोस्टमार्टम करने की समय अवधि 6 से 10 घंटे तक की होती है। क्योंकि जब इंसान की मौत होती है तो उसके बाद ही मृतक की बॉडी में तरह तरह के बदलाव दिखते हैं जैसे कि बॉडी का अकड़ जाना या बॉडी का फूल जाना आदि। इसलिए जल्द से जल्द डॉक्टर द्वारा लाश का Postmortem किया जाता है। जिससे मरने की असली वजह का पता लगता है।
Step 6. Postmortem Report कितने दिन में आती है?
शवपरीक्षा या पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने में कम से कम 1 महिना या 2 महीने का समय लगता है। हालांकि प्रारम्भिक रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाती है। जिसमें मौत की वजह के बारे में विश्लेषण लिखा होता है। इसके साथ ही डॉक्टर द्वारा रिपोर्ट में ये भी लिखा जाता है कि शरीर के दूसरे अंगों के विश्लेषण के बाद ही Detailed Report आएगी। तभी मौत की असल वजह का पता चलेगा।
Step 7. रात में क्यों नहीं किया जाता पोस्टमार्टम?
शव का पोस्टमार्टम हमेशा दिन में ही किया जाता है। रात के समय में किसी भी शव का पोस्टमार्टम नहीं किया जाता। क्योंकि रात के समय में जलने वाली लाइटों में घाव का रंग बदल जाता है। दिन के समय में जो घाव लाल रंग के दिखाई देते हैं वही घाव रात के समय में लाइटों की रोशनी में बैंगनी दिखाई देते हैं। अलग रंग की बजह से मौत के कारण का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। इसी वजह से शव का पोस्टमार्टम दिन में ही किया जाता है।
Step 8. कौन करता है Postmortem?
पोस्टमार्टम करने के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर शामिल होते हैं। जिनमें से अधिकतर डॉक्टर फोरेंसिक पैथालॉजिस्ट होते हैं। जो कि इन कामों को करने में माहिर होते हैं। इसके अलावा पोस्टमार्टम करने के लिए एक हेल्पर भी होता है क्योंकि शव की चिरफाड़ का काम इनके जिम्मे ही होता है। चिरफाड़ करने पर निकाले गए बॉडी पार्ट का परीक्षण पैथालॉजिस्ट करता है। पोस्टमार्टम होने के बाद लाश को फिर से सिल दिया जाता है और उसके कुछ दिनों के बाद रिपोर्ट तैयार की जाती है।
Step 9. पोस्टमार्टम करने के दौरान आने वाली दिक्कतें?
डॉक्टर द्वारा Postmortem करने के लिए सबसे ज्यादा परेशानी उस समय आती है जब उन्हें ये कहा जाता है कि आप इस लाश का पोस्टमार्टम करें जिनकी काफी समय पहले मृत्यु हो गई थी। कई बार डॉक्टरों को 2 या 3 साल पुरानी बॉडी का पोस्टमार्टम करने के लिए दिया जाता है।
Step 10. फांसी के बाद क्यों किया जाता है पोस्टमार्टम?
किसी भी व्यकित को मौत की सजा कानूनी प्रक्रिया के अनुसार ही दी जाती है। ये सजा न्याय निष्पक्ष के आधार पर दी जाती है। ऐसे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये लिखा होता है कि व्यकित की मृत्यु के दस्तावजों में मौत का कारण फांसी ही है। इसलिए फांसी के बाद Postmortem किया जाता है,ताकि कानूनी प्रक्रिया के दौरान बाद में कोई और विवाद न हो।
Step 11. कौन से अंग निकाले जाते हैं पोस्टमार्टम करने के लिए ?
आमतौर पर पोस्टमार्टम करने के लिए शरीर से किडनी, लीवर जैसे महत्वपूर्ण अंग निकाले जाते हैं। जिसका उपयोग बाद में ट्रांसप्लांट में किया जाता है, जो कि जरूरतमंद व्यकित को उनके आपरेशन के समय में लगाए जाते हैं।
“ये थी सारी जानकारी किसी भी बॉडी का पोस्टमार्टम करने के बारे में। आशा करता हूँ आपको इस लेख के जरिए सारी जानकारी मिल गई होगी।”